रेबीज: संपूर्ण जानकारी [एक कुत्ते के काटने से होने वाली बिमारी है।]




रेबीज: संपूर्ण जानकारी

रेबीज क्या है?

रेबीज एक घातक वायरस जनित बीमारी है जो मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करती है। यह रेबीज वायरस (Lyssavirus) के कारण होती है और आमतौर पर संक्रमित जानवर के काटने या लार के संपर्क में आने से फैलती है। एक बार लक्षण प्रकट होने के बाद, यह लगभग 100% घातक होती है।


1. कारण और संक्रमण का तरीका

रेबीज कैसे फैलता है?

रेबीज वायरस संक्रमित जानवरों की लार में मौजूद होता है और निम्नलिखित तरीकों से फैल सकता है:

  • संक्रमित जानवर के काटने से (सबसे आम कारण)।
  • खरोंच, खुले घाव, या आंख, नाक, मुंह जैसी श्लेष्म झिल्ली के संपर्क में आने से
  • अंग प्रत्यारोपण के माध्यम से (बहुत दुर्लभ मामला)।

किन जानवरों से रेबीज फैल सकता है?

  • पालतू जानवर: कुत्ते, बिल्ली, गाय (यदि बिना टीकाकरण के हों)।
  • जंगली जानवर: चमगादड़, लोमड़ी, गीदड़, भेड़िया, रैकून, सियार, और नेवला।

2. रेबीज के लक्षण

रेबीज वायरस शरीर में प्रवेश करने के बाद 2 सप्ताह से 3 महीने (या अधिक) तक छिपा रह सकता है। इसके लक्षण तीन चरणों में विकसित होते हैं:

1. प्रारंभिक लक्षण (प्रोड्रोमल स्टेज)

  • बुखार, सिरदर्द, कमजोरी
  • काटे गए स्थान पर जलन, खुजली, या झनझनाहट
  • मिचली, उल्टी
  • बेचैनी और घबराहट

2. उग्र न्यूरोलॉजिकल लक्षण (एक्साइटेशन स्टेज)

  • हाइड्रोफोबिया (पानी से डर लगना) – पानी पीने में कठिनाई
  • एरोफोबिया (हवा से डर लगना) – हवा के झोंकों से संवेदनशीलता
  • आक्रामक व्यवहार, भ्रम, मतिभ्रम (हेलुसिनेशन)
  • मांसपेशियों में ऐंठन, झटके

3. लकवाग्रस्त (शांत) रेबीज

  • धीरे-धीरे शरीर का लकवाग्रस्त होना
  • कोमा और श्वसन तंत्र की विफलता
  • कुछ दिनों या हफ्तों में मृत्यु

⚠️ एक बार लक्षण विकसित होने के बाद, रेबीज का कोई इलाज नहीं है और यह लगभग हमेशा घातक होती है।


3. रेबीज का निदान (डायग्नोसिस)

  • पिछले जानवर के काटने का इतिहास और लक्षणों का मूल्यांकन
  • लार परीक्षण (PCR टेस्ट या वायरस की जांच)
  • त्वचा बायोप्सी (गर्दन के पिछले भाग की त्वचा से रेबीज एंटीजन की जांच)
  • मस्तिष्कमेरु द्रव (CSF) और रक्त में एंटीबॉडी की जांच

4. उपचार और रोकथाम

रेबीज से बचाव के लिए क्या करें?

बाइट के बाद तुरंत उठाए जाने वाले कदम (Post-Exposure Prophylaxis - PEP)

  1. घाव को तुरंत 15 मिनट तक साबुन और पानी से धोएं
  2. एंटीसेप्टिक (जैसे आयोडीन या अल्कोहल) लगाएं
  3. तुरंत डॉक्टर के पास जाएं और रेबीज वैक्सीन लगवाएं

बाइट के बाद रेबीज का उपचार (PEP - पोस्ट एक्सपोज़र प्रोफाइलैक्सिस)

  1. रेबीज वैक्सीन
    • 4-5 डोज टीके की 14 दिनों में दिए जाते हैं
    • कंधे (deltoid muscle) या बच्चों में जांघ (thigh) में इंजेक्शन दिया जाता है
  2. रेबीज इम्यूनोग्लोबुलिन (RIG)
    • गंभीर मामलों (Category III) में दिया जाता है।
    • यह वायरस को तुरंत निष्क्रिय करने के लिए काटे गए स्थान के आसपास इंजेक्ट किया जाता है।

⚠️ लक्षण प्रकट होने से पहले टीका लगवाना 100% प्रभावी है!


5. रोकथाम और नियंत्रण

1. रेबीज से बचाव के लिए टीकाकरण (Pre-Exposure Prophylaxis - PrEP)

  • जोखिम में रहने वाले लोगों (पशु चिकित्सक, वन्यजीव शोधकर्ता, यात्रा करने वाले यात्री) को रेबीज से पहले ही टीका लगवाना चाहिए
  • 3 डोज़ टीका: दिन 0, 7 और 21 (या 28)

2. जानवरों का टीकाकरण और नियंत्रण

  • कुत्तों और अन्य पालतू जानवरों का सामूहिक टीकाकरण
  • आवारा जानवरों का नियंत्रण और ज़िम्मेदार पालतू स्वामित्व

3. सुरक्षा उपाय

  • अजनबी या जंगली जानवरों को न छुएं
  • जानवर के काटने की सूचना तुरंत दें
  • रेबीज के खतरों के बारे में जागरूकता फैलाएं

6. रेबीज का वैश्विक प्रभाव

  • हर साल लगभग 59,000 मौतें रेबीज के कारण होती हैं, जिनमें से अधिकांश एशिया और अफ्रीका में होती हैं।
  • 99% मानव रेबीज मामले कुत्ते के काटने से होते हैं
  • संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोप, और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में टीकाकरण के कारण रेबीज की घटनाएं बहुत कम हैं

7. निष्कर्ष

रेबीज एक जानलेवा लेकिन पूरी तरह से रोकथाम योग्य बीमारी है। समय पर टीकाकरण, उचित घाव देखभाल, और जन जागरूकता से इस बीमारी को पूरी तरह रोका जा सकता है। एक बार लक्षण प्रकट हो जाने पर, बचने की संभावना शून्य हो जाती है, इसलिए रोकथाम ही सबसे अच्छा उपाय है

📌 महत्वपूर्ण बात: यदि कोई जानवर काटे, तो घाव धोएं, तुरंत डॉक्टर से मिलें, और रेबीज वैक्सीन लगवाएं—यह आपकी जान बचा सकता है! 🚑💉

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